अनोखे अंदाज में अपने तरह की पहली पुस्तक घुमक्कड़ शास्त्र में राहुल लोगों से सवाल करते नजर आते हैं। 'क्या चारल्स डारविन अपने महान अविष्कारों को कर सकता था, यदि उसने घुमक्कड़ का व्रत नहीं लिया होता। कोलंबस और वास्को-डि-गामा भी घुमक्कड़ ही थे।' बुद्ध और महावीर को घुमक्कड़राज कहने वाले राहुल कहते हैं कि दुनिया के अधिकांश धर्मनायक घुमक्कड़ ही थे। शंकराचार्य के बारे में उनका मानना था कि उन्हें किसी ब्रह्म ने शंकर नहीं बनाया, उन्हें बड़ा बनाने वाला था, यही घुमक्कड़ धर्म।
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