कथाकार कमलेश्वर के असामयिक निधन से आहात पत्नी गायत्री की आँखें रोते-रोते सूख गई थी। नाती अनंत एक बार ढाढस बढ़ाने अपनी नानी के पास आता, तुरंत दबे पाँव फोन की घंटी बजने पर लोगों को नानाजी की अन्तिम यात्रा की जानकारी देता। सूरजकुंड रोड स्थित इरोज गार्डन स्थित उनके घर में रविवार को उनका नाती अनंत अपनी बहन और दूसरे रिश्तेदारों के साथ था...
(जिस वक्त उनका निधन हुआ था उस दौर में मैं फरीदाबाद में हिन्दुस्तान में रिपोर्टर हुआ करता था। और यह लेख मैंने हिंदुस्तान के लिए लिखी थी जो २९ जनवरी, २००७ में छपा था )...विनीत
2 comments:
Kamleshwar mere bhi aadarsh sahityakar rahe. Unke sansmaran ko baantne ka aabhar.
aik mahaan sahityakar ke sanmaran ham logo tak pahunchane ke lie dhanyavad
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