अरस्तू ने कहा था, ‘मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।’बाजार के दौर में उनकी बात बेईमानी लगती थी लेकिन इंटरनेट की दुनिया ने यह साबित कर दिया है कि अरस्तू ने ठीक ही कहा था। रिसर्च बताते है कि इंटरनेट से जुड़े लोग और कामों के बनिस्पत सोशल नेट्वर्किंग पर अधिक समय बिताते है। अमेरिका में पिछले साल के मुकाबले इस साल 43 फीसद लोगों ने ज्यादा समय बिताया। नीलसन कंपनी द्वारा कराए गए सव में पाया गया कि ऑनलाइन गेम खेलने का नंबर दूसरा और ई-मेल भेजने में समय खर्च तीसरा है। एक-दूसरे से बातें करने, आसपास की घटनाओं को शेयर करने और किसी भी मुद्दे पर बेबाक अपनी राय रखना लोगों कर शगल बन चुका है। ऑनलाइन खरीदारी भी लोग करते है लेकिन इसमें रुचि भी काफी कम लोगों ने दिखाई है।
जून, 2009 में सोशल मीडिया यानी नेटवर्क मसलन फेसबुक, ट्विटर, आकरुट आदि पर ऑनलाइन बिताया गया समय 15.8 फीसद से बढ़कर जून, 2010 में 22.7 फीसद हो गया। ऑनलाइन गेम खेलने में पिछले साल यह आंकड़ा 9.3 फीसद था जिसमें एक फीसद की वृद्धि हुई और यह 10.2 फीसद हो गया। दिलचस्प बात तो ई-मेल भेजने को लेकर है। पिछले साल यह आंकड़ा 10.5 था जिसमें करीब दो फीसद की गिरावट आई और यह 8.3 फीसद हो गई। और तो और लोगों ने इन सोशन नेटवर्क के जरिए ही गेम भी खेला। शोध में यह बात भी सामने आई कि ऑनलाइन गेम्स को ‘जाइंगास फार्मविल’ जैसे फेसबुक की एप्लिकेशंस के जरिए खेला गया। वर्तमान दौर में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अधिकतर लोग अपने मोबाइल के जरिए इंटरनेट सìफग करने लगे है। यही कारण है कि पर्सनल कम्प्यूटर या लैपटॉप का प्रयोग कम होने लगा है। यह भी गौरतलब है कि ऑनलाइन वीडियो और सर्च करने में भी लोग काफी समय बिता रहे है। हालांकि यह और बात है कि पिछले साल की 3.5 फीसद से इस साल 3.9 फीसद तक की बढ़त के बावजूद ऑनलाइन वीडियो देखने का औसत बेहद कम 1.15 घंटा प्रति व्यक्ति प्रतिमाह है। ऑनलाइन वीडियो देखने के समय में 70 फीसद योगदान यू-टूब का है।
गूगल के आने और कई सुविधा मुहैया कराए जाने से छा जाने के कारण याहू जैसे इंटरनेट पोर्टलों पर लोग काफी कम समय खर्च कर रहे है। यह बात गूगल के अधिकारी अच्छी तरह जानते है। तभी तो गूगल जल्द ही सोशल गे¨मग पर काफी पैसा खर्च करने का प्लॉन कर रहा है। प्लॉन के मुताबिक ‘होनचो जिंयांगा’ नामक सोशल गेम उपलब्ध कराया जाएगा जिसके जरिए लोग ऑनलाइन फर्मविला, माफिया वार्स सहित दूसरे गेम खेल सकेंगे। वहीं दुनिया में देखते ही देखते अपने साम््राज्य का जलवा बिखेरने वाला फेसबुक भी कई साइटों को शमिल कर चुका है और कर रहा है। इसमें फोटो शेयरिंग सर्विस की सुविधा भी मुहैया कराई गई है और अनुमान लगाया जा रहा है कि हर महीने तीन अरब फोटो डाउनलोग किए जा रहे है। और फोटो शेयरिंग साइटों के मुकाबले फेसबुक का दायरा तीन गुना अधिक तेजी से बढ़ रहा है। जहां फेसबुक के जरिए 1.8 करोड़ नए लोग फोटो शेयर करने के लिए जुड़ रहे है वहीं फ्लिकर डॉट कॉम से 19 लाख लोग ही हर महीने जुड़ते है वहीं पिकासा वेब गूगल डॉट कॉम से 16 लाख नए लोग जुड़ रहे है।
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well
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