किसी भी घटना की पहली रिपोर्ट जो पुलिस दर्ज करती है, वह एफआईआर यानी फस्र्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट कहलाती है। इस रिपोर्ट में किसी भी घटना की बारीक जानकारी होती है, जो प्रभावित व्यक्ति दर्ज कराता है। उसी तरह वर्तमान समय में सोशल मीडिया तमाम मुख्यधारा की मीडिया के लिए एफआईआर का काम करती है और आज फेसबुक के पोस्ट, स्टेट्स और ट्विटर की ट्वीट से खबरें ब्रेक होने लगी है और बनने लगी है। पहली खबर सोशल मीडिया में फ्लैश होते ही उसे लेकर रिपोर्टर रिसर्च करता है, छानबीन करता है, संबद्ध लोगों से बातचीत करता है और फिर पुख्ता खबर अखबारों में जहां प्रकाशित होता है, वहीं न्यूज चैनलों पर प्रसारित होता है।
त्रासदियों को करें याद
याद करें उत्तराखंड में आई भीषण त्रासदी को, या फिर नेपाल और बिहार में आए भूकंप को, तमाम अखबार और न्यूज चैनलों ने खबरें जानने और प्रसारण करने के लिए इन्हीं सोशल मीडिया का सहारा लिया। यहां तक कि मीडिया के इन माध्यमों में जो तस्वीरें या वीडियो दिखाए गए, वे इन्हीं सोशल मीडिया से लिए गए थे। अब तो प्रधानमंत्रियों सहित केंद्र सरकार के तमाम मंत्री प्रेस कांफ्रेस करना तक भूल गए हैं और वे लोगों को तमाम जानकारी सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म के जरिए दे रहे हैं। गौरतलब है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विदेशी प्रवास पर किसी मीडियाकर्मी को नहीं ले जाते लेकिन उनके फेसबुक और ट्विटर एकाउंट पर दी गई जानकारी और फोटो सुर्खियां बनती हैं।
नोकझोंक बनती हैं सुर्खियां
यह सिर्फ केंद्र सरकार की कार्य पद्धति नहीं है बल्कि राज्यों में पक्ष और विपक्षी नेताओं की नोकझोंक भी इन्हीं सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर चलती रहती है। यहां तक कि किसी खिलाड़ी के मैच या पदक जीतने पर तमाम नेता सोशल मीडिया के माध्यमों से बधाई देते हैं और वे तमाम मीडिया में सुर्खियां पाती हैं। किसी फिल्म का फस्र्ट लुक भी अब इन्हीं सोशल मीडिया में पहली बार आता है। फिल्म अभिनेता और निर्माता अपनी फिल्मी का प्रचार-प्रसार के लिए इन्हीं माध्यमों का सहारा लेते हैं। इसके अलावा, अपनी व्यक्तिगत जानकारियां और तस्वीरें भी यहां पोस्ट करते हैं। इतना ही नहीं, किसी अखबार में उनके बारे में या फिर कोई और जानकारी प्रकाशित होने पर वे विरोध भी दर्ज कराते हैं। मसलन दीपिका पादुकोण और उनके अंगों को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबरों को लेकर दीपिका पादुकोण ने कैसी प्रतिक्रिया जाहिर की थी और सोशल मीडिया पर कैसी लताड़ लगाई थी, यह किसी से छुपी हुई नहीं थी। वहीं, दीपिका की फिल्म ‘माई च्वाइस’ का यूट्यूब पर प्रसारण और फिर इसके बाद सामाजिक परिदृश्य में पक्ष और विपक्ष में बहस ज्यादा पुरानी नहीं है।
(पूरा आलेख पढ़ने के लिए क्लिक करें http://www.newswriters.in/2016/03/29/breaking-news-on-social-media/)
2 comments:
मुझे लगता है ,सोशल मीडिया का सबसे बड़ा फायदा जो न्यूजचैनल वाले उठाते हैं वो है किसी खबर की सनसनी को भांप लेना। फिर उस खबर पर पिल पड़ते हैं,कभी कभी गुस्सा आता है जब कोइ किसी के घाव को मलहम लगाने के बदले कुदेरता है।
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